खोपडी का गंदा रहना जैसे कि बाल कम ाोना, सूर्य की किरणों से प्रभावित होना, औद्योगिक रसायनों से प्रभावित होना इत्यादी।
3.
सल्फर 30, 1 एम-सिर का गरम तथा पाँव का ठंडा होना, भ्रांत विश्वास, धर्मोन्मत्तता, अहंकार, कलहप्रियता, गंदा रहना एवं सभी पदार्थों में दुर्गंध आना-इन लक्षणों वाले पुराने उन्माद रोग में हितकर है।
4.
कारण: श्वेत प्रदर रोग होने के कई कारण हो सकते हैं, जैसे मद्यपान करना, खाया हुआ भोजन पचने से पहले ही फिर भोजन करना, गर्भपात होना, पुरुष के साथ अत्यधिक सहवास करना, ज्यादा घुड़सवारी करना, तेज रफ्तार वाली सवारी पर बैठना, अधिक चिंता या शोक करना, ज्यादा उपवास से शरीर कमजोर करना, शरीर दुबला व कमजोर होना, ज्यादा मसालेदार, चटपटे, ज्यादा खट्टे पदाथोर्ं का अति सेवन, योनि प्रदेश का गंदा रहना या किसी कारण से सूजन रहना आदि।